Dev Deepawali 2025 – Date, Puja Vidhi, Significance & Muhurat
Dev Deepawali 2025

Published on: November 1, 2025

Dev Deepawali 2025: गुरु मां निधि श्रीमाली से जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और पौराणिक महत्व

 

Dev Deepawali 2025 : पंचांग के अनुसार इस वर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर 2025 को रात 10:36 बजे प्रारंभ होकर 5 नवंबर को शाम 6:48 बजे समाप्त होगी।
तिथि के अनुसार Dev Deepawali 2025 का पावन पर्व 5 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा।

यह वही दिव्य दिवस है जिसे “देवताओं की दिवाली” कहा जाता है — क्योंकि यह दीपावली के ठीक 15 दिन बाद आती है।
गुरु मां निधि श्रीमाली के अनुसार, यह केवल उत्सव नहीं, बल्कि दैवी ऊर्जा के जागरण का क्षण है।
जो भी साधक इस दिन श्रद्धा और भक्ति से दीप प्रज्ज्वलित करता है, उसके जीवन से अंधकार दूर होकर ज्ञान, समृद्धि और शांति का प्रकाश फैलता है।


🔱 देव दीपावली का पौराणिक महत्व

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी।
इसीलिए इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा या त्रिपुरोत्सव भी कहा जाता है।

कहा जाता है कि जब त्रिपुरासुर का संहार हुआ, तब सभी देवता काशी नगरी में अवतरित हुए और वहाँ के पवित्र घाटों पर दीप जलाकर Dev Deepawali का उत्सव मनाया।
काशी के घाट जब लाखों दीपों से आलोकित होते हैं, तो वह दृश्य न केवल आँखों के लिए, बल्कि आत्मा के लिए भी आनंद का अनुभव कराता है।


🌼 देव दीपावली 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त

  • पूर्णिमा प्रारंभ: 4 नवंबर रात 10:36 बजे

  • पूर्णिमा समाप्त: 5 नवंबर शाम 6:48 बजे

  • पूजन का शुभ समय: शाम 5:15 से 7:50 बजे तक

  • सूर्योदय: सुबह 6:28 बजे

  • सूर्यास्त: शाम 5:40 बजे

  • चंद्रोदय: शाम 7:20 बजे

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:46 से 5:37 तक

  • विजय मुहूर्त: दोपहर 1:56 से 2:41 तक

  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:40 से 6:05 तक

इन मुहूर्तों में Dev Deepawali 2025 पूजा करने से अत्यंत शुभ फल प्राप्त होता है।


🕯️ देव दीपावली की पूजन विधि — गुरु मां निधि श्रीमाली के अनुसार

  1. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। यदि गंगा स्नान संभव न हो, तो स्नान जल में गंगाजल मिलाएँ।

  2. घर के प्रत्येक कोने में गंगाजल का छिड़काव करें — इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

  3. भगवान शिव, माता लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु का स्मरण करें।

  4. शुद्ध देसी घी के दीपक जलाएँ, क्योंकि यह दैवी लोक तक भक्ति का संदेश पहुँचाता है।

  5. भगवान को फूलों की माला, फल, मिठाई और शमी के पुष्प अर्पित करें।

  6. विष्णु जी को केले का भोग, और शिव जी को बिल्वपत्र अर्पित करें।

  7. संध्या काल में घर, मंदिर, आंगन और द्वार पर दीपक जलाएँ।

  8. परिवार सहित शिव चालीसा या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

  9. अंत में आरती करें और भगवान से सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य व मोक्ष की कामना करें।


🌸 देव दीपावली का आध्यात्मिक संदेश

गुरु मां निधि श्रीमाली कहती हैं —

“देव दीपावली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्म-जागरण का अवसर है। जैसे भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का नाश किया, वैसे ही हमें अपने भीतर के अंधकार — अहंकार, क्रोध और लोभ — को समाप्त करना चाहिए।”

जब हम अपने भीतर भक्ति का दीप जलाते हैं, तभी सच्ची Dev Deepawali 2025 मनाते हैं।

🌺 श्रद्धा से दीप जलाइए, करुणा से हृदय भरिए, और भगवान शिव के चरणों में समर्पित हो जाइए।
आपके जीवन में सदैव प्रकाश, समृद्धि और आनंद का वास हो।

 

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