जानिये कौन है भगवान् शिव की 5 पुत्रिया एवं कैसे हुई उनकी उत्पति – 5 daughters of Lord Shiva
5 daughters of Lord Shiva सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। सावन माह का हर दिन शिव भक्तों के लिए फलदायी होता है। इस पावन महीने में भगवान शिव अपने परिवार समेत पृथ्वी पर आते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। शिवालयों में भगवान भोलेनाथ समेत पूरे परिवार का अभिषेक किया जाता है। शिव परिवार में आप भगवान शिव, माता पार्वती और उनके दो पुत्र गणेश और कार्तिकेय एवं उनके गण नंदी के बारे में जानते हैं। गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की भगवान शिव की पांच और बेटियां भी थीं जिनका जन्म रहस्यमयी तरीके से हुआ. 5 daughters of Lord Shiva
भगवान शिव की 5 बेटियों के नाम
1. जया
2.विषहर
3.शामिलबारी
4.देव
5.दोतली
भगवान् शिव की पुत्रियों की उत्पति कैसे हुई
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार जब भगवान शिव और माता पार्वती सरोवर में ध्यान मग्न थे, उस समय भोले दानी शंकर के मुख पर एक मंद मुस्कान आई। 5 daughters of Lord Shiva
तत्पश्चात भगवान शिव जी के मुस्कान से पांच मोती सरोवर में झरकर गिर गए और इन मोतियों से 5 कन्याओं का जन्म हुआ किंतु ये कन्याएं नाग रूप में जन्म ली। इस बात का आभास भगवान शिव को हो गया किंतु माता पार्वती ध्यान मग्न होने के कारण उन्हें इस विषय में जानकारी नहीं मिली।
भोले दानी अपने अन्य संतानों की तरह इन 5 नाग कन्याओं को बेटी की जैसे ही मानते थे। प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त के समय इनके पास खेलने के लिए जाया करते थे। पुत्रियों पर पिता का प्रेम लुटाते… माता पार्वती देखती है कि भोले दानी रोज सवेरे कहां जा रहे हैं। उनके मन में संदेह हुआ और एक दिन वह शंकर जी के साथ पीछे पीछे चले गए। 5 daughters of Lord Shiva
सरोवर के पास पहुंचकर भगवान शिव आपने पुत्रियों के ऊपर पिता की तरह अपार प्रेम लुटाते हुए देखी। माता पार्वती को संदेह हुआ कि ये नागकन्याए भगवान शिव को आहात पहुंचा सकते हैं। क्योंकि उन्हें सच्चाई का पता था नहीं.. अंतर्यामी भगवान शिव माता पार्वती के मन में चल रहे सभी बातों को जान गए और फिर इन पांच बेटियों के बारे में सब कुछ बता दिए। इस प्रकार माता पार्वती को पांच नाग कन्याओं की माता होने की सत्यता का पता चला। 5 daughters of Lord Shiva
भगवान शिव की पुत्रियों की पूजा का महत्व
भगवान शिव की इन नाग कन्याओं का नाम जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि है. भगवान शिव ने अपनी पुत्रियों के बारे में बताते हुए कहा कि जो भी सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन इन नाग कन्याओं की पूजा करेगा, उनके परिवार को सर्पदंश का भय नहीं रहेगा. साथ ही इन देवियों की कृपा से घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती. यही कारण है कि सावन कृष्ण पंचमी और सावन शुक्ल पंचमी के दिन इन पांच नाग कन्याओं की पूजा की जाती है.
एक और कथा पुराणों में शिव की तीनों पुत्रियों का वर्णन है. अशोक सुंदरी, ज्योति या मां ज्वालामुखी और देवी वासुकी या मनसा. देश के कई हिस्सों में इनकी पूजा की जाती है. 5 daughters of Lord Shiva
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इस साल अधिकमास होने के कारण श्रावण मास 2 महीने तक रहेगा अर्थात भगवान् शिव की भक्ति के लिए अधिक समय मिलेगा 19 साल बाद ऐसा संयोग बनने से श्रावण मास का महत्व ओर अधिक बढ़ गया हर साल की तरह इस साल भी हमारे संस्थान में महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है अगर आप भी भगवान् शिव की कृपा पाना चाहते है तो इस महारुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर अपने नाम से रुद्राभिषेक करवाए यह रुद्राभिषेक गुरु माँ निधि जी श्रीमाली एवं हमारे अनुभवी पंडितो द्वारा विधि विधान से एवं उचित मंत्रो उच्चारण के साथ सम्पन्न होगा आज ही रुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर भगवान् शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करे एवं किसी भी अन्य दिन किसी भी प्रकार की पूजा , जाप एवं भगवान् शिव के महामृत्युंजय का जाप करवाना चाहते है तो हमारे संस्थान में संपर्क करे
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